ओवम पिकप – आपके लिये क्या जानना आवश्यक है?
ओवम पिकप
समांय प्रेग्नन्सी मे पुरुस का शुक्राणु महिला के अंडे को यूटरस मे फर्टलाइज़ करता है , जिससे गर्भ धरण होता है ।
जिन दम्पत्ति को संतान सुख नहीं प्राप्त हो रहा है , उन्मे ऊपर लिखे सामान्य प्रेग्नन्सी को प्रक्रिया नहीं हो पा रही है जिससे गर्भ धरण नहीं हो पा रहा है।
आईवीएफ़ की पद्धति मे , सुई द्वारा महिला के अंडे को निकाला जाता है, इसको ओवम पिकप की विधि कहा जाता है । ओवम पिकप की प्रक्रिया 10 -20 मिनट के लिये बेहोश किया जाता है , ताकि कोई भी दर्द महिला को न हो , थोरी देर मे महिला घर जाने लायक हो जाती है ।
निकले हुए अंडे को आईवीएफ़ विधि से आधुनिक इक्सि मशीन द्वारा पुरुस शुक्राणु से फर्टलाइज़ कराया जाता है ।
यह भ्रूण को या तो माँ के पेट मे डाला जाएगा या फिर महिला उस भ्रूण को फ्रीज़ करा के बाद मे इस्तेमाल करने की लिये रखा जा सकता है ।
बनाए हुए भ्रूण को माँ के पेट जैसा महोल देने वाला वाला प्लैनर मशीन मे परवरिश कराया जाता है , 5 दिन मे भ्रूण बच्चे का प्रारम्भिक रूप ले लेता है जिसे ब्लास्टो सिस्ट कहते है । इस एम्ब्रीओ को फिर माँ के पेट मे डाला जाता है।
महिला अपने आप को ओवम पिकप के लिये तैयार करे
ओवम पिकप के पहले क्या क्या होता है
· शारीरिक जांच
आपकी फर्टिलिटी डॉक्टर के परामर्श से , सबसे पहले आपकी कुछ शारीरिक खून जांच और अल्ट्रसाउन्ड किया जाता है। आपकी शारीरिक जांच मे आपकी हॉर्मोन और बाकी शारीरिक मजबूती ते करते है।
· हॉर्मोन इन्जेक्शन
ओवम पिकप की तैयारी के लिये कुछ गिनती के नियमित इन्जेक्शन आपके मासिक के हिसाब से दिया जाता है।
आखिरी मे जो सुई दी जाती है उसे ट्रिगर कहते है । ट्रिगर इनेक्टिओन के 36 दिन के बाद ओवम पिकप की प्रक्रिया होती है ।
· पिकप के पहले कितने देर मुह से कुछ नहीं कहना है
ओवम पिकप क्योंकी बेहोश कर के किया जाता है, इस लिये 6 घंटे तक पेट खाली रखना होता है।
अगर आप कुछ जरूरी दावा लेते है जैसे चीनी की या ब्लड प्रेशर की दावा तो दो घुट पानी के द्वारा आप ले सकते है ।
· मासिक से ओवम पिकप तक - अंडसे मे फालिकल की मोनिट्रिंग
बहुत ही सुनीछित तरीके से आईवीएफ़ की तैयारी की जाती है , मासिक के 2 दिन के बाद से ही अल्ट्रसाउन्ड द्वारा फालिकल को देखा जाता है, और अगले 10 दिन तक नियमित रूप एक समय पर से एक सुई दिया जाता है, एक भी दिन नागा नहीं होना चाहिये। नियमित समय पर अल्ट्रसाउन्ड किया जाता है। जब अंडे का आकार 14 से ज्यादा हो ज्यादा हो जाता है, तो एक सुई और रोज दिया जाता है, जिससे अंडा समय से पहले फूटता नहीं है, जिससे ओवउल पिकप के दिन सब अंडे को निकाला जा सके ।
· ट्रिगर इन्जेक्शन
जब अंडे का आकार सही माप का हो जाता है तब, एक आखिरी सुई दी जाती है , जिसे ट्रिगर कहते है। इस सुई के 36 घंटे बाद ओवम पिकप किया जाता है।
· ओवम पिकप के दिन क्या तैयारी के साथ अस्पताल जाए ।
ओवम पिकप के दिन । बिल्कुल साधारण तरह से तैयार हो, अच्छी तरह से नहा ले , कोई मेकप नहीं करना है । यह समझना है की किसी तरह का गंध या महक या गंदगी से अंडे को और भ्रूण को नुकसान हो जाता है ।
ओवम पिकप के दिन क्या होता है ।
आप खाली पेट अस्पताल जाती है, आपको थोरी देर के लिये बेहोश किया जाएगा , और नीचे के रास्ते एक पतली सुई से अल्ट्रसाउन्ड की मदत से अंडों को निकाल लिया जाता है । आपको थोरी देर के बाद होश या जाता है , कुछ घंटों मे आप पूरी तरह स्वस्थ महसूस करते है, इसके बाद आप घर जा सकते है ।
ओवम पिकप के बाद क्या होता है?
ओवम पिकप के बाद , थोरी देर मे आपका बेहोसी का असर खतम हो जाएगा । आप घर जाने लायक कुछ घंटों मे हो जाएंगे , घर जा गर आरम्म करे और साधारण कहना खाए ।
आम तोर पर ओवम पिकप की प्रक्रिया बहुत सुरक्षित है, पर कुछ लोग को मुह का सुखना , थोर दर्द , थोरी उलटी का अनुभव हो सकता है, जे लक्षण कुछ देर मे काम हो जाना चाहिये , ऐसा न होने पर अपने डॉक्टर से तुरंक सलाह ले।
ओवम पिकप के बाद क्या सावधानी बरते
ओवम पिकप के बाद क्या सावधानी बरते
· एक दिन तक आराम करे
· भारी काम कुछ दिन तक न करे
· नदी , तलब मे नहाने से बचे
· जब तक आपके गुप्त अंग मे सूजन है , रिसता नहीं बनाए
निसकर्ष
निःसंतनता के इलाज मे आईवीएफ़ विधि का इलाज से अंडे की परिपक होना और उसको सही दिन को निकालने के लिये ओवम पिकप का बहुत अहमियत है । इसके बारे मे सही जानकारी आपके लिये सही परिणाम का रूप लेगी।
समांय प्रेग्नन्सी मे पुरुस का शुक्राणु महिला के अंडे को यूटरस मे फर्टलाइज़ करता है , जिससे गर्भ धरण होता है ।
जिन दम्पत्ति को संतान सुख नहीं प्राप्त हो रहा है , उन्मे ऊपर लिखे सामान्य प्रेग्नन्सी को प्रक्रिया नहीं हो पा रही है जिससे गर्भ धरण नहीं हो पा रहा है।
आईवीएफ़ की पद्धति मे , सुई द्वारा महिला के अंडे को निकाला जाता है, इसको ओवम पिकप की विधि कहा जाता है । ओवम पिकप की प्रक्रिया 10 -20 मिनट के लिये बेहोश किया जाता है , ताकि कोई भी दर्द महिला को न हो , थोरी देर मे महिला घर जाने लायक हो जाती है ।
निकले हुए अंडे को आईवीएफ़ विधि से आधुनिक इक्सि मशीन द्वारा पुरुस शुक्राणु से फर्टलाइज़ कराया जाता है ।
यह भ्रूण को या तो माँ के पेट मे डाला जाएगा या फिर महिला उस भ्रूण को फ्रीज़ करा के बाद मे इस्तेमाल करने की लिये रखा जा सकता है ।
बनाए हुए भ्रूण को माँ के पेट जैसा महोल देने वाला वाला प्लैनर मशीन मे परवरिश कराया जाता है , 5 दिन मे भ्रूण बच्चे का प्रारम्भिक रूप ले लेता है जिसे ब्लास्टो सिस्ट कहते है । इस एम्ब्रीओ को फिर माँ के पेट मे डाला जाता है।
महिला अपने आप को ओवम पिकप के लिये तैयार करे
ओवम पिकप के पहले क्या क्या होता है
· शारीरिक जांच
आपकी फर्टिलिटी डॉक्टर के परामर्श से , सबसे पहले आपकी कुछ शारीरिक खून जांच और अल्ट्रसाउन्ड किया जाता है। आपकी शारीरिक जांच मे आपकी हॉर्मोन और बाकी शारीरिक मजबूती ते करते है।
· हॉर्मोन इन्जेक्शन
ओवम पिकप की तैयारी के लिये कुछ गिनती के नियमित इन्जेक्शन आपके मासिक के हिसाब से दिया जाता है।
आखिरी मे जो सुई दी जाती है उसे ट्रिगर कहते है । ट्रिगर इनेक्टिओन के 36 दिन के बाद ओवम पिकप की प्रक्रिया होती है ।
· पिकप के पहले कितने देर मुह से कुछ नहीं कहना है
ओवम पिकप क्योंकी बेहोश कर के किया जाता है, इस लिये 6 घंटे तक पेट खाली रखना होता है।
अगर आप कुछ जरूरी दावा लेते है जैसे चीनी की या ब्लड प्रेशर की दावा तो दो घुट पानी के द्वारा आप ले सकते है ।
· मासिक से ओवम पिकप तक - अंडसे मे फालिकल की मोनिट्रिंग
बहुत ही सुनीछित तरीके से आईवीएफ़ की तैयारी की जाती है , मासिक के 2 दिन के बाद से ही अल्ट्रसाउन्ड द्वारा फालिकल को देखा जाता है, और अगले 10 दिन तक नियमित रूप एक समय पर से एक सुई दिया जाता है, एक भी दिन नागा नहीं होना चाहिये। नियमित समय पर अल्ट्रसाउन्ड किया जाता है। जब अंडे का आकार 14 से ज्यादा हो ज्यादा हो जाता है, तो एक सुई और रोज दिया जाता है, जिससे अंडा समय से पहले फूटता नहीं है, जिससे ओवउल पिकप के दिन सब अंडे को निकाला जा सके ।
· ट्रिगर इन्जेक्शन
जब अंडे का आकार सही माप का हो जाता है तब, एक आखिरी सुई दी जाती है , जिसे ट्रिगर कहते है। इस सुई के 36 घंटे बाद ओवम पिकप किया जाता है।
· ओवम पिकप के दिन क्या तैयारी के साथ अस्पताल जाए ।
ओवम पिकप के दिन । बिल्कुल साधारण तरह से तैयार हो, अच्छी तरह से नहा ले , कोई मेकप नहीं करना है । यह समझना है की किसी तरह का गंध या महक या गंदगी से अंडे को और भ्रूण को नुकसान हो जाता है ।
ओवम पिकप के दिन क्या होता है ।
आप खाली पेट अस्पताल जाती है, आपको थोरी देर के लिये बेहोश किया जाएगा , और नीचे के रास्ते एक पतली सुई से अल्ट्रसाउन्ड की मदत से अंडों को निकाल लिया जाता है । आपको थोरी देर के बाद होश या जाता है , कुछ घंटों मे आप पूरी तरह स्वस्थ महसूस करते है, इसके बाद आप घर जा सकते है ।
ओवम पिकप के बाद क्या होता है?
ओवम पिकप के बाद , थोरी देर मे आपका बेहोसी का असर खतम हो जाएगा । आप घर जाने लायक कुछ घंटों मे हो जाएंगे , घर जा गर आरम्म करे और साधारण कहना खाए ।
आम तोर पर ओवम पिकप की प्रक्रिया बहुत सुरक्षित है, पर कुछ लोग को मुह का सुखना , थोर दर्द , थोरी उलटी का अनुभव हो सकता है, जे लक्षण कुछ देर मे काम हो जाना चाहिये , ऐसा न होने पर अपने डॉक्टर से तुरंक सलाह ले।
ओवम पिकप के बाद क्या सावधानी बरते
ओवम पिकप के बाद क्या सावधानी बरते
· एक दिन तक आराम करे
· भारी काम कुछ दिन तक न करे
· नदी , तलब मे नहाने से बचे
· जब तक आपके गुप्त अंग मे सूजन है , रिसता नहीं बनाए
निसकर्ष
निःसंतनता के इलाज मे आईवीएफ़ विधि का इलाज से अंडे की परिपक होना और उसको सही दिन को निकालने के लिये ओवम पिकप का बहुत अहमियत है । इसके बारे मे सही जानकारी आपके लिये सही परिणाम का रूप लेगी।