IVF से लड़का या लड़की चुनना क्या संभव है? | Legal IVF Facts in India

Shradha IVF & Maternity
Oct 19, 2025By Shradha IVF & Maternity

🧠 IVF से लड़का या लड़की चुन सकते हैं क्या?
❌ Can IVF Let You Choose a Boy or Girl Baby?


🎯 शुरुआत की बात
भगवान ने हर बच्चे को खास बनाया है — IVF सिर्फ माता-पिता बनने में मदद करता है, जेंडर चुनने में नहीं।
भारत में ऐसी कोई मशीन या तकनीक नहीं है जो बच्चे का लिंग बता सके या चुन सके, क्योंकि सरकार ने इस पर सख़्त प्रतिबंध लगाया है।

🎯 Introduction
Every baby is special — IVF helps you become parents, not decide gender.
No machine or test in India can reveal a baby’s gender, as the law strictly bans it.

 🧬 बच्चा लड़का या लड़की कैसे तय होता है

जब पापा का स्पर्म और मम्मी का एग मिलते हैं, तभी तय होता है कि बच्चा लड़का होगा या लड़की।
स्पर्म में दो तरह के क्रोमोसोम होते हैं — X और Y। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसे कोई डॉक्टर या मशीन नहीं बदल सकता।

🧬 How Baby’s Gender Is Decided
When sperm meets the egg, nature decides gender — X + X = girl, X + Y = boy.
No doctor or technology can interfere with this natural process.

 
⚖️ भारत में कानून क्या कहता है
📜 PCPNDT Act, 1994
सेक्स-सेलेक्शन (गर्भ से पहले या बाद में) पूरी तरह प्रतिबंधित है। उल्लंघन करने पर जेल और जुर्माना हो सकता है।

📜 ART (IVF) Act, 2021
IVF क्लिनिक में X/Y स्पर्म अलग करना, embryo का लिंग देखना या जेंडर विज्ञापन देना सब गैर-कानूनी है।

🏥 भारत में IVF से जेंडर क्यों नहीं बताया जा सकता
भारत में ऐसी कोई मशीन या लैब नहीं होती जो लड़का-लड़की अलग कर सके। सरकार ने इस पर सख़्त नियंत्रण रखा है।

⚖️ Indian Law Summary
The PCPNDT Act (1994) and ART Act (2021) make sex selection illegal.
IVF centres cannot use any machine to separate X/Y sperm or reveal embryo gender. Violations invite imprisonment and fines.

🏥 Why IVF in India Cannot Reveal Gender
There is no licensed technology for gender identification. IVF doctors are authorized only to help in conception, not gender choice.

 
🌸 यह कानून क्यों ज़रूरी है

पहले लड़के की चाह के कारण लड़कियों के साथ भेदभाव होता था। इसलिए सरकार ने ये कानून बनाया ताकि हर बच्चे को समान प्यार मिले।

🌸 Why This Law Is Important
India’s gender-equality laws ensure every child — boy or girl — is equally valued and protected.

 
🩺 IVF असल में क्या करता है

IVF एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जो infertile कपल्स की मदद करती है। इसमें एग और स्पर्म को लैब में मिलाकर healthy embryo गर्भ में लगाया जाता है। इसमें जेंडर चुनने की कोई तकनीक नहीं होती।

🩺 What IVF Actually Does
IVF unites egg and sperm in a lab to achieve pregnancy for infertile couples.
There is no tool or method in IVF that can choose gender.

 
🚫 अगर कोई कहे “IVF से लड़का होगा”

ऐसे व्यक्ति से सावधान रहें — वह या तो कानून तोड़ रहा है या झूठ बोल रहा है। शिकायत सरकार के स्वास्थ्य विभाग को दी जा सकती है।

🚫 If Someone Promises “A Boy by IVF”
Stay alert — such claims are illegal and false. Report them to official health authorities.

 
💖 सही सोच क्या है
हर बच्चा भगवान का आशीर्वाद है — चाहे बेटा हो या बेटी। IVF का उद्देश्य माता-पिता बनाना है, जेंडर चुनना नहीं।

💖 The Right Mindset
Every baby is a blessing. IVF is about creating families, not selecting gender.

 
🌱 आख़िरी संदेश
👉 IVF में जेंडर चुनना वैज्ञानिक रूप से असंभव है।
👉 भारत में यह कानूनी रूप से मना है।
👉 ऐसी कोई मशीन या टेस्ट भारत में मौजूद नहीं है।
IVF का उद्देश्य है hope, health और parenthood — जेंडर चुनना नहीं।

 
💡 FAQ Section
Q1. क्या IVF से बच्चा लड़का या लड़की चुना जा सकता है?
नहीं। भारत में ऐसा करना पूरी तरह गैर-कानूनी है। IVF केवल गर्भधारण में मदद करता है, जेंडर चुनने में नहीं।

Q2. क्या भारत में कोई मशीन है जो IVF में जेंडर बता सके?
नहीं। भारतीय कानून ऐसी किसी मशीन या तकनीक की अनुमति नहीं देता।

Q3. क्या विदेशों में ऐसा संभव है?
कुछ देशों में मेडिकल कारणों से सीमित अनुमति होती है, लेकिन भारत में यह सख्त प्रतिबंधित है।

Q4. अगर कोई डॉक्टर कहे कि IVF से लड़का मिलेगा तो क्या करें?
ऐसे व्यक्ति की जानकारी तुरंत स्वास्थ्य विभाग या IVF रेगुलेशन बोर्ड को दें।