क्या ट्यूबरक्यूलोसिस (टीबी) बांझपन का कारण बन सकता है?
ट्यूबरक्यूलोसिस (Mycobacterium tuberculosis से होने वाला संक्रमण) केवल फेफड़ों को ही नहीं, बल्कि प्रजनन तंत्र को भी प्रभावित कर सकता है। इसे जननांग ट्यूबरक्यूलोसिस (Genital Tuberculosis - GTB) कहते हैं, जो महिलाओं और पुरुषों में बांझपन का प्रमुख लेकिन कम पहचाना गया कारण है। खासकर विकासशील देशों में यह समस्या अधिक पाई जाती है।
ट्यूबरक्यूलोसिस बांझपन का कारण कैसे बनता है?
1. महिलाओं में:
फैलोपियन ट्यूब का नुकसान: टीबी फैलोपियन ट्यूब्स को क्षति पहुंचाकर उन्हें ब्लॉक या स्कार कर सकता है, जिससे अंडे का गर्भाशय तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है।
एंडोमेट्रियल संक्रमण: गर्भाशय की परत में सूजन से गर्भधारण की प्रक्रिया बाधित हो सकती है।
डिम्बग्रंथि (ओवरी) की क्षति: लंबे समय तक सूजन से डिम्बग्रंथि की गुणवत्ता और मात्रा प्रभावित होती है।
पेल्विक एडहेशन्स: टीबी से हुए स्कार और चिपकाव प्रजनन अंगों की संरचना को बदल सकते हैं और प्रजनन क्षमता को घटा सकते हैं
2. पुरुषों में:
एपिडिडिमाइटिस और रुकावटें: टीबी एपिडिडिमिस को प्रभावित कर सकता है, जिससे शुक्राणु मार्ग बाधित हो जाता है और एजोस्पर्मिया (वीर्य में शुक्राणु की अनुपस्थिति) हो सकता है।
प्रोस्टेट और सेमिनल वेसिकल की समस्या: इन अंगों में सूजन शुक्राणु के परिवहन और वीर्य के उत्पादन को प्रभावित कर सकती है।
अंडकोष (टेस्टिस) की क्षति: दुर्लभ मामलों में, टीबी सीधे अंडकोष को प्रभावित करता है, जिससे शुक्राणु उत्पादन पर असर पड़ सकता है।
लक्षण और पहचान
टीबी से संबंधित बांझपन के लक्षण कई बार अस्पष्ट होते हैं, जिससे इसका निदान देर से होता है।
महिलाओं में लक्षण: र से होता है।
महिलाओं में लक्षण:
- अनियमित मासिक धर्म या मासिक धर्म का बंद होना।
- पेल्वि
- अनियमित मासिक धर्म या मासिक धर्म का बंद होना।
- पेल्विक दर्द और असामान्य स्राव।
पुरुषों में लक्षण:
- दर्दरहित स्क्रोटल मास (या कभी-कभी दर्द के साथ)।
- शुक्राणु की गुणवत्ता में कमी (जैसे एजोस्पर्मिया)।
- पेशाब में जलन या अन्य असामान्यताएं।
डायग्नोसिस के तरीके:
अल्ट्रासाउंड और एमआरआई जैसे इमेजिंग तकनीक।
प्रभावित ऊतकों का बायोप्सी और कल्चर।
GeneXpert जैसे मॉलिक्यूलर टेस्ट जो जल्दी और सटीक परिणाम देते हैं
उपचार के विकल्प
1. एंटी-ट्यूबरक्यूलर थैरेपी (ATT):
रिफामपिसिन, आइसोनियाजिड, पाइराजिनामाइड और एथंबुटोल जैसी दवाइयों का उपयोग संक्रमण खत्म करने और सूजन कम करने के लिए किया जाता है।
उपचार आमतौर पर 6-12 महीने तक चलता है। ड्रग-रेसिस्टेंट मामलों में अधिक समय लग सकता है।
2. सर्जिकल हस्तक्षेप:
गंभीर क्षति की स्थिति में ब्लॉकेज हटाने या एडहेशन्स को ठीक करने के लिए सर्जरी की जा सकती है।
लेप्रोस्कोपिक तकनीक जैसी आधुनिक प्रक्रियाएं संरचना को आंशिक रूप से बहाल कर सकती हैं।
3. सहायक प्रजनन तकनीक (ART):
- यदि क्षति स्थायी हो, तो IVF और ICSI जैसे विकल्प उपयोगी हो सकते हैं।
- टेस्टिकुलर स्पर्म एक्सट्रैक्शन और एम्ब्रियो ट्रांसफर से गंभीर मामलों में भी सफलता मिल सकती है
रोकथाम और प्रारंभिक पहचान
टीकाकरण: बीसीजी वैक्सीन फेफड़ों की टीबी के खिलाफ प्रभावी है और एक्सट्रापल्मोनरी फैलाव को कम कर सकती है।
जागरूकता: लक्षण और शुरुआती जांच के बारे में जानकारी देना जटिलताओं को रोक सकता है।
स्वास्थ्य और पोषण: स्वस्थ जीवनशैली से संक्रमण की संभावना कम होती है।
निष्कर्ष
ट्यूबरक्यूलोसिस बांझपन का एक महत्वपूर्ण लेकिन ठीक किया जा सकने वाला कारण है। शुरुआती निदान और उपचार से परिणामों में काफी सुधार हो सकता है। जिन लोगों को टीबी से संबंधित बांझपन का सामना करना पड़ता है, उनके लिए सहायक प्रजनन तकनीक एक प्रभावी समाधान प्रदान करती है। यदि आपको प्रजनन से जुड़ी समस्याएं हो रही हैं, तो किसी विशेषज्ञ से परामर्श लें और अपनी स्थिति के अनुरूप उपचार योजना बनाएं।