क्या हर IVF प्रेग्नेंसी में ऑपरेशन जरूरी है?

shradhaivf IVF & Maternity
Dec 14, 2024By shradhaivf IVF & Maternity

IVF और सिजेरियन डिलीवरी के बीच संबंध: 


परिचय
IVF (इन विट्रो फर्टिलाइज़ेशन) संतान सुख पाने की कोशिश कर रहे दंपत्तियों के लिए उम्मीद की किरण है। लेकिन इसके साथ कई मिथक जुड़े हुए हैं, खासतौर पर डिलीवरी के तरीके को लेकर। एक आम धारणा यह है कि IVF से गर्भधारण करने वाली महिलाओं को हमेशा सिजेरियन सेक्शन (सी-सेक्शन) की जरूरत होती है। हालांकि IVF और सिजेरियन के बीच एक गहरा संबंध है, लेकिन यह हमेशा जरूरी नहीं होता। आइए समझते हैं कि ऐसा क्यों होता है और कब नॉर्मल डिलीवरी संभव हो सकती है।

 IVF और सिजेरियन के बीच संबंध क्यों माना जाता है?

1. "प्रेशियस बेबी" सिंड्रोम

IVF से गर्भवती महिलाओं के गर्भ को "कीमती" माना जाता है क्योंकि इसमें बहुत सारी मानसिक, आर्थिक, और शारीरिक मेहनत लगी होती है। इसलिए, कई बार डिलीवरी के दौरान संभावित जोखिम को कम करने के लिए मरीज और डॉक्टर प्लान्ड सी-सेक्शन को प्राथमिकता देते हैं, भले ही नॉर्मल डिलीवरी संभव हो।

Shot of an adorable baby covered in a towel after bath time

2. मां की उम्र और स्वास्थ्य

IVF करवाने वाली महिलाएं अक्सर सामान्य गर्भधारण करने वाली महिलाओं की तुलना में उम्रदराज होती हैं। साथ ही उनमें हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़, और मोटापे जैसी समस्याएं अधिक होती हैं, जो नॉर्मल डिलीवरी को जटिल बना सकती हैं और सी-सेक्शन की आवश्यकता बढ़ा देती हैं।

A new born baby with the mother in the background

3. जुड़वा या अधिक बच्चों का गर्भधारण

IVF के कारण जुड़वा या उससे अधिक बच्चों की संभावना बढ़ जाती है। इस तरह की प्रेग्नेंसी में समय से पहले लेबर, बच्चों की गलत पोजीशन, और उनके विकास से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इन कारणों से सी-सेक्शन अनिवार्य हो सकता है।

4. पहले से गर्भाशय की सर्जरी का इतिहास

IVF करवाने वाली कई महिलाओं का पहले गर्भाशय पर ऑपरेशन हुआ होता है, जैसे मयोमेक्टॉमी या हिस्टरोस्कोपी। ये सर्जरी गर्भाशय की दीवार को कमजोर कर सकती हैं, जिससे नॉर्मल डिलीवरी के दौरान गर्भाशय फटने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए सी-सेक्शन अधिक सुरक्षित विकल्प बन जाता है।

5. IVF प्रेग्नेंसी से जुड़ी विशेष समस्याएं

IVF प्रेग्नेंसी में प्लेसेंटा प्रेविया, प्लेसेंटा एबruption, और भ्रूण के विकास से संबंधित सीमाएं अधिक देखने को मिलती हैं। इन समस्याओं के कारण नॉर्मल डिलीवरी असुरक्षित हो सकती है।

 
कब नॉर्मल डिलीवरी हो सकती है?

हालांकि सी-सेक्शन ज्यादा आम है, लेकिन कुछ स्थितियों में IVF प्रेग्नेंसी के दौरान नॉर्मल डिलीवरी भी संभव है:

  • बच्चे की पोजीशन सही हो।
  • मां का स्वास्थ्य ठीक हो और कोई गंभीर समस्या न हो।
  • प्लेसेंटा या भ्रूण में कोई परेशानी न हो।
  • डॉक्टर द्वारा गर्भावस्था के दौरान नियमित जांच बहुत जरूरी है ताकि डिलीवरी का सबसे सुरक्षित तरीका सुनिश्चित किया जा सके।

 नॉर्मल डिलीवरी के अवसर बढ़ाने के उपाय

प्रेगनेंसी के दौरान रेगुलर चेकअप: समय पर जांच से समस्याओं का जल्दी पता चलता है और उनका समाधान किया जा सकता है।
स्वस्थ जीवनशैली: पोषक आहार लेना, वजन नियंत्रित रखना और सक्रिय रहना सी-सेक्शन की जरूरत को कम कर सकते हैं।
डॉक्टर से खुलकर चर्चा करें: अपनी डिलीवरी से जुड़ी प्राथमिकताओं और चिंताओं पर डॉक्टर से बात करें और एक सही योजना बनाएं।

निष्कर्ष

IVF का मतलब यह नहीं है कि हमेशा सी-सेक्शन ही जरूरी होगा। कई मामलों में नॉर्मल डिलीवरी भी संभव है। डिलीवरी का तरीका हमेशा मां और बच्चे के स्वास्थ्य पर आधारित होना चाहिए। मिथकों को दूर कर और सही जानकारी लेकर, दंपत्ति सूझबूझ से निर्णय ले सकते हैं और अपने बहुप्रतीक्षित बच्चे के स्वागत पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।

यह संतुलित और वैज्ञानिक दृष्टिकोण IVF प्रेग्नेंसी से जुड़ी सामान्य चिंताओं को दूर करता है और सुरक्षित डिलीवरी के लिए जानकारी प्रदान करता है।