IVF में पीआरपी (PRP) उपचार क्या है?
Jan 17, 2025·By shradhaivf IVF & Maternity
आईवीएफ में पीआरपी (PRP) उपचार क्या है?
पीआरपी (PRP) का पूरा नाम: प्लेटलेट-रिच प्लाज़्मा (Platelet-Rich Plasma)
पीआरपी उपचार, आजकल प्रजनन चिकित्सा में एक उभरती हुई तकनीक है, जिसे खासकर उन मामलों में उपयोग किया जाता है जहां महिलाओं के अंडाशय (ovaries) की गुणवत्ता या गर्भाशय (uterus) की परत (endometrium) कमजोर हो। यह उपचार शरीर की प्राकृतिक उपचार क्षमता को बढ़ाने के लिए किया जाता है।
पीआरपी (PRP) उपचार की प्रक्रिया
- खून का सैंपल लेना:
मरीज के शरीर से खून लिया जाता है, आमतौर पर हाथ से। - सेंटरफ्यूज प्रक्रिया:
खून को एक विशेष मशीन (centrifuge) में रखा जाता है, जो रक्त को अलग-अलग घटकों (प्लाज़्मा, प्लेटलेट्स, और लाल रक्त कोशिकाओं) में विभाजित करती है। - प्लेटलेट-रिच प्लाज़्मा तैयार करना:
रक्त के उस हिस्से को अलग किया जाता है जिसमें प्लेटलेट्स की मात्रा सबसे अधिक होती है। इसे ही पीआरपी कहते हैं। - पीआरपी का उपयोग:
तैयार किए गए पीआरपी को समस्या के अनुसार या तो अंडाशय (ovaries) में इंजेक्ट किया जाता है या गर्भाशय की परत (endometrium) में डाला जाता है।
आईवीएफ में पीआरपी (PRP) के उपयोग:
1. गर्भाशय की परत (Endometrium) को सुधारना:
- जब गर्भाशय की परत पतली हो और भ्रूण (embryo) को ग्रहण करने में सक्षम न हो।
- पीआरपी गर्भाशय की परत की मोटाई और गुणवत्ता को बढ़ाकर गर्भधारण की संभावना बढ़ाता है।
2. अंडाशय की कार्यक्षमता सुधारना:
- जिन महिलाओं के अंडाशय कमजोर या कम सक्रिय होते हैं (जैसे, उम्रदराज महिलाओं में या प्रीमेच्योर ओवरी फेलियर में)।
- पीआरपी अंडाशय में नई कोशिकाओं के उत्पादन को प्रोत्साहित करता है और अंडाणुओं की गुणवत्ता में सुधार करता है।
3. बार-बार आईवीएफ असफलता में:
- जिन मरीजों को बार-बार आईवीएफ असफलता का सामना करना पड़ा है, उनके लिए पीआरपी एक नई उम्मीद बन सकता है।
- जिन मरीजों को बार-बार आईवीएफ असफलता का सामना करना पड़ा है, उनके लिए पीआरपी एक नई उम्मीद बन सकता है।
4. एंडोमेट्रियल रिक्यूरिंग प्रॉब्लम्स:
- जैसे कि क्रॉनिक एंडोमेट्राइटिस (chronic endometritis) या अन्य संबंधित समस्याएं।
पीआरपी कैसे काम करता है?
पीआरपी में उपस्थित प्लेटलेट्स में कई तरह के ग्रोथ फैक्टर्स (Growth Factors) और बायोएक्टिव प्रोटीन होते हैं, जो शरीर की क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को ठीक करने और नए ऊतक बनाने में मदद करते हैं।
- यह गर्भाशय और अंडाशय की कोशिकाओं को पुनर्जीवित करता है।
- नई रक्त वाहिकाओं (blood vessels) के निर्माण को बढ़ावा देता है।
- ऊतक में सूजन को कम करके उपचार प्रक्रिया को तेज करता है।
किसे पीआरपी उपचार की आवश्यकता हो सकती है?
- जिन महिलाओं का एंडोमेट्रियम बहुत पतला हो।
- उम्रदराज महिलाएं जिनके अंडाशय कमजोर हो गए हों।
- जिनकी आईवीएफ प्रक्रिया बार-बार असफल हो चुकी हो।
- अंडाणु (Egg) की गुणवत्ता कम हो।
- जिनमें क्रॉनिक एंडोमेट्राइटिस या अन्य गर्भाशय की समस्याएं हों।

पीआरपी उपचार के फायदे:
- प्राकृतिक प्रक्रिया: चूंकि पीआरपी मरीज के अपने खून से तैयार किया जाता है, यह सुरक्षित और प्राकृतिक है।
- कोई एलर्जी नहीं: बाहरी दवाओं का उपयोग नहीं होता, इसलिए एलर्जी की संभावना नहीं रहती।
- गर्भधारण की संभावना में वृद्धि: यह उपचार गर्भधारण की सफलता दर को बढ़ाने में मदद करता है।
- तेजी से रिकवरी: यह ऊतक के पुनर्निर्माण में तेजी लाता है।
क्या पीआरपी उपचार सुरक्षित है?
- चूंकि यह प्रक्रिया मरीज के अपने खून का उपयोग करती है, यह बहुत ही सुरक्षित मानी जाती है।
- संक्रमण या अन्य जटिलताओं का खतरा बहुत कम होता है।
- हालांकि, यह एक उभरती हुई तकनीक है, और हर मरीज के लिए इसकी प्रभावशीलता अलग हो सकती है।
पीआरपी उपचार के सीमाएं:
- हर मरीज पर इसका प्रभाव समान नहीं होता।
- इसे विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा ही किया जाना चाहिए।
- पीआरपी की प्रभावशीलता अभी भी कई अध्ययनों का विषय है।
निष्कर्ष:
आईवीएफ में पीआरपी उपचार उन मरीजों के लिए एक उपयोगी विकल्प है, जिन्हें गर्भाशय की परत पतली होने, अंडाशय की खराब गुणवत्ता, या बार-बार आईवीएफ असफलता की समस्या हो। यह शरीर की प्राकृतिक उपचार प्रक्रिया को बढ़ाकर गर्भधारण की संभावना को बढ़ाता है। हालांकि, इसे अपनाने से पहले विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।