प्रेग्नेंसी में Ultrasound Scan को लेकर ये 5 गलतियाँ बिल्कुल न करें
1. कोई भी ज़रूरी स्कैन मिस न करें
अल्ट्रासाउंड सिर्फ बच्चे को देखने के लिए नहीं होता
अल्ट्रासाउंड गर्भावस्था की एक महत्वपूर्ण मेडिकल जाँच है, जिससे बच्चे की सेहत पर लगातार नज़र रखी जाती है।
स्कैन से क्या-क्या पता चलता है
- बच्चे की धड़कन, बढ़त और विकास
- प्लेसेंटा की स्थिति और एम्नियोटिक फ्लूइड की मात्रा
- कई बार ऐसी समस्याएँ जो कोई लक्षण नहीं देतीं, स्कैन से जल्दी पकड़ में आ जाती हैं
हर स्कैन का सही समय होता है
हर स्कैन एक खास हफ्ते में करने के लिए तय किया जाता है — उसे मिस करने से ज़रूरी जानकारी छूट सकती है।
2. अपनी स्कैन रिपोर्ट गूगल पर न खोजें
इंटरनेट की जानकारी आपकी प्रेग्नेंसी पर लागू नहीं होती
ऑनलाइन लेख और इमेज सामान्य जानकारी देते हैं, लेकिन आपकी स्थिति उनसे अलग हो सकती है।
गूगल डर बढ़ा सकता है
कई बार बिल्कुल सामान्य बातें भी इंटरनेट पर डरावनी लगने लगती हैं।
सही व्यक्ति से पूछिए
आपकी रिपोर्ट को समझाने के लिए आपका डॉक्टर ही सबसे सही व्यक्ति है।
3. अपनी स्कैन रिपोर्ट की तुलना दूसरों से न करें
हर बच्चा अलग होता है
हर गर्भ अलग होता है, इसलिए हर स्कैन का लुक अलग हो सकता है।
स्कैन पर असर डालने वाले कारण
- बच्चे की पोज़िशन
- गर्भ के आसपास का पानी
- प्रेग्नेंसी के हफ्ते
इन सबके कारण दो स्कैन कभी एक जैसे नहीं होते।
4. वजन के अनुमान को लेकर घबराएँ नहीं
अल्ट्रासाउंड वजन का अनुमान देता है, सटीक संख्या नहीं
स्कैन पर दिखाया गया वजन वास्तविक वजन से लगभग 10–15% ऊपर या नीचे हो सकता है।
डॉक्टर ट्रेंड देखते हैं, एक नंबर नहीं
डॉक्टर बच्चे की लगातार ग्रोथ, फ्लूइड और ब्लड फ्लो देखकर स्थिति समझते हैं।
थोड़ा छोटा या बड़ा बच्चा अक्सर पूरी तरह स्वस्थ होता है
केवल वजन से बच्चे की सेहत तय नहीं होती।
5. 3D / 4D स्कैन बहुत जल्दी न कराएँ
सही समय बहुत ज़रूरी है
3D/4D स्कैन का सबसे अच्छा समय 28 से 32 हफ्ते के बीच होता है।
इससे पहले चेहरा पूरी तरह विकसित नहीं होता
जल्दी कराने पर चेहरे की स्पष्ट तस्वीर नहीं मिल पाती और लोग बेवजह चिंतित हो जाते हैं।
सही समय पर कराने से बेहतर इमेज और वीडियो मिलते हैं
इससे माता-पिता को बच्चे की सुंदर झलक अच्छे से मिलती है।
🩺 निष्कर्ष (Conclusion)
अल्ट्रासाउंड प्रेग्नेंसी की एक सुरक्षा जाँच है — डर की नहीं।
सही समय पर स्कैन कराना, डॉक्टर से समझना और अनावश्यक तुलना या इंटरनेट डर से बचना — यही एक स्वस्थ और शांत गर्भावस्था की कुंजी है।
